Tuesday, 26 April 2016

लघुकथा - इंसानियत



#_gaurav

आज चिकन खाने का मन किया तो चिकन लेने गया । वहाँ 6 साल का एक लड़का भी अपने पापा के साथ आया था । 

उसने पापा से पुछा- पापा, क्या अंकल इस मुर्गे को खाना देते हैँ ?

पापा- हाँ, पर वो बहुत कम होता है ।

लड़का- तो क्या ज्यादा भुख लगने पर वो एक-दुसरे को खा जाते हैँ ?

तभी दुकानदार की एक बात ने मुझको, उस 6 साल के लड़के को और उसके पापा को बहुत कुछ सिखा दिया ।

उसने कहा- नहीँ, "अभी इनमेँ इंसानियत खत्म नहीँ हुई है । ये एक दुसरे को नहीँ मारते ।"

#_gaurav

Friday, 22 April 2016

Gaurav Thought

#‎_gaurav‬
मज़हब न जात पात का अब फ़ासला रहे।
मैं रहूँ न रहूँ मगर ये काफ़िला रहे।।
हिन्दू हो मुस्लिम हो सिख हो ईसाई।
सबके बीच प्यार का ये सिलसिला रहे।।
करे न गुमान कोई अपनी बुलंदी पर।
जमीं के साथ कोई ऐसा रिश्ता रहे।।
कोई ऐसा इंसान मेरी जिंदगी में भी हो।
जो मुझको मेरी गलतियाँ भी बताता रहे।।
सीखा दे वो सबको नेकी इंसानियत का धर्म।
"गौरव" इस जहान में ऐसा कोई मसीहा रहे।।
‪#‎_gaurav‬

Thursday, 21 April 2016

Yaad Aati Hai Mujhko Kuch Batein Purani..

याद आती हैं मुझको कुछ बातें पुरानी ।
कुछ किस्से पुराने कुछ पुरानी कहानी ।।
जाया करते थे सभी हम स्कूल को जब ।
ले जाया करते थे कॉपी किताबें सब ।।
वो लाइन लगाकर साथ करना प्रार्थना ।
याद ना होने पर सिर्फ होंठो को हिलाना ।।
पहली क्लास से शुरू करना शैतानी ।
पर भूलते नही थे अपनी हाज़री लगवानी।।
फिजिक्स की क्लास में न्यूटन के नियम ।
केमिस्ट्री में वो अम्ल क्षार का विलयन ।।
हिंदी के सर का वो किताबें पढ़ाना ।
हमें न कह दे इसलिए छुपना छुपाना ।।
वो मैथ्स के टीचर का मोटा डण्डा ।
जो देते थे टेस्ट में हमेशा ही अण्डा ।।
चलती क्लासेज में कहीं खो जाना ।
दोस्त को उसके लवर के सामने चिढ़ाना ।।
छुट्टी के समय जोर से चिल्लाने में ।
पत्थर पैर से मारकर घर तक लाने में ।।
कुछ ऐसी बीती हमारी बचपन सुहानी ।
कुछ ऐसी ही थी हम सब की कहानी ।।
याद आती हैं मुझको कुछ बातें पुरानी ।
कुछ किस्से पुराने कुछ पुरानी कहानी ।।
-GAURAV SINGH