Tuesday 26 April 2016

लघुकथा - इंसानियत



#_gaurav

आज चिकन खाने का मन किया तो चिकन लेने गया । वहाँ 6 साल का एक लड़का भी अपने पापा के साथ आया था । 

उसने पापा से पुछा- पापा, क्या अंकल इस मुर्गे को खाना देते हैँ ?

पापा- हाँ, पर वो बहुत कम होता है ।

लड़का- तो क्या ज्यादा भुख लगने पर वो एक-दुसरे को खा जाते हैँ ?

तभी दुकानदार की एक बात ने मुझको, उस 6 साल के लड़के को और उसके पापा को बहुत कुछ सिखा दिया ।

उसने कहा- नहीँ, "अभी इनमेँ इंसानियत खत्म नहीँ हुई है । ये एक दुसरे को नहीँ मारते ।"

#_gaurav

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